जिंदगी से हर मुसीबत,
श्याम टालेगा,
आज तक जिसने सम्भाला,
वही सम्भालेगा,
ज़िन्दगी से हर मुसीबत,
श्याम टालेगा।।
zindagi se har musibat shyam talega
तर्ज – मेरा जीवन कोरा कागज।
हर घड़ी हर पल जो तेरा,
ध्यान रखता है,
जग के आगे हर दफा,
सम्मान रखता है,
कैसे तूने सोचा वो,
तुझको भुला देगा,
ज़िन्दगी से हर मुसीबत,
श्याम टालेगा।।
जो भी दे लेले ख़ुशी से,
तर्क ना करना,
कण मिले या घण मिले,
तू फर्क ना करना,
जितनी झोली में ज़रूरत,
उतना डालेगा,
ज़िन्दगी से हर मुसीबत,
श्याम टालेगा।।
की प्रभु ने हर मुसीबत,
चुटकियों में हल,
श्याम के आगे ना चलता,
मुश्किलों का बल,
तेरी कमज़ोरी को ये,
ताक़त बना देगा,
ज़िन्दगी से हर मुसीबत,
श्याम टालेगा।।
डूब जाए नाव तेरी,
है नहीं मुमकिन,
कह दे माधव कुछ नहीं,
तू सांवरे के बिन,
बीच मझधारों को ये,
साहिल बना देगा,
ज़िन्दगी से हर मुसीबत,
श्याम टालेगा।।
जिंदगी से हर मुसीबत,
श्याम टालेगा,
आज तक जिसने सम्भाला,
वही सम्भालेगा,
ज़िन्दगी से हर मुसीबत,
श्याम टालेगा।।
Singer – Vivek Sharma