यूँ जन्म सफल हो जावे रे,
दोहा – संग सदा करिए तिन को,
जिन संग कलंक लगे नहीं कोई,
दूर सदा रहिए तिन से पुनी,
मान घटे जु अनादर होई।
संग भलो कर साधुन को तब,
मान और ज्ञान मिले पुनी दोई,
संतन संग जु भारती पूरण,
संत बने भव आपत खोई।
यू जन्म सफल हो जावे रे,
कर सत्संग महापुरुषा की।।
संत वचन महामंत्र मानजे,
मोक्ष सनातन पंथ जाणजे,
भव बंधन संत छुड़ावे ले,
कर सत्संग महापुरुषा की,
यू जन्म सफल हो जावे रे,
कर सत्संग महापुरुषा की।।
लोहा कंचन भया पारस परसे,
मलियागिरी संग तरू सम तरसे,
कागा को हंस बनावे रे,
कर सत्संग महापुरुषा की,
यू जन्म सफल हो जावे रे,
कर सत्संग महापुरुषा की।।
सत्संग सरिता कलीमल धोवे,
ज्याका अंते कर्ण सुद होवे,
बड़ भागी गंगा नावे रे,
कर सत्संग महापुरुषा की,
यू जन्म सफल हो जावे रे,
कर सत्संग महापुरुषा की।।
चेतन भारती गुरु देवे इशारा,
भारती पूरण सत्संग कर प्यारा,
यू सहज परम पद पावे रे,
कर सत्संग महापुरुषा की,
यू जन्म सफल हो जावे रे,
कर सत्संग महापुरुषा की।।
यूँ जन्म सफल हो जावे रे,
कर सत्संग महापुरुषा की।।
गायक – पुरण भारती जी महाराज।
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