युगों युगों से जीवन दान जो देती है वो माँ ही होती है

युगों युगों से जीवन दान जो देती है,
कोई और नही, एक माँ ही होती है।।

तर्ज – दिल दीवाना बिन सजना के।



नौ महीनों तक कोख में रखकर,

अपना फर्ज निभाती हो..हो..,
ममता के आंचल मे बिठाकर,
हरपल प्यार लुटाती,
जन्मदाता ये जीवन की ज्योति है,
कोई और नही, एक माँ ही होती है।।



भगवान से पहले माँ की सूरत,

मैंने सामने पाई हो.. हो..,
मुझपे है अहसान ये माँ का,
इस दुनिया मे लाई,
बैटा हो संकट में तो माँ रोती है,
कोई और नही, एक माँ ही होती है।।



नमन है तेरे चरणों में माँ,

तुझसे ही जीवन पाया हो..हो..,
छुटे चाहे जगत के रिस्ते,
छुटे ना माँ का साया,
‘दिलबर’ माँ रत्नों में जैसे मोती है,
कोई और नही, एक माँ ही होती है।।



युगों युगों से जीवन दान जो देती है,

कोई और नही, एक माँ ही होती है।।

गायक – नमन धारीवाल इंदौर।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. मो.9907023365


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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