यो पल पल पल पल याद तेरी तडफाती है,
ओ मेरे कान्हा आजा तु,
आके गाय चराजा,
वंशी की धुन तु सुनाजा,
तु माखन फिर से खाजा,
यौ पल पल पल पल याद तेरी तडफाती है,
रो रो कहै यु राधा तुझे बुलाती है,
ओ मेरे कान्हा आजा तु।।
तर्ज – तेरी ऑखया का यौ काजल।
ना तुझ बिन कोई मधुवन मै,
अब गाय चराता है,
ना वृन्दावन मै तुझ बिन कोई,
रास रचाता है,
है सुना पनघट तुझ बिन,
है सुनी यमुना तुझ बिन,
यौ पल पल पल पल याद तेरी तडफाती है,
रो रो कहै यु राधा तुझे बुलाती है,
ओ मेरे कान्हा आजा तु।।
गोपी ग्वाल ये सारे,
रो रो तरस रहे,
कल की कह गये मोहन,
और वर्षों बीत गऐ,
जब छोडके तुझे जाना था,
क्यों पीरीत मे हमै फसाया,
यौ पल पल पल पल याद तेरी तडफाती है,
रो रो कहै यु राधा तुझे बुलाती है,
ओ मेरे कान्हा आजा तु।।
ये ‘मोहित’ तेरा दिवाना,
तुझे याद करता है,
रहै मस्त तेरी भगती में,
यु फरियाद करता है,
तु कब आऐगा पयारे,
जरा ईतना मुझे बता रे,
यौ पल पल पल पल याद तेरी तडफाती है,
रो रो कहै यु राधा तुझे बुलाती है,
ओ मेरे कान्हा आजा तु।।
ओ मेरे कान्हा आजा तु,
आके गाय चराजा,
वंशी की धुन तु सुनाजा,
तु माखन फिर से खाजा,
यौ पल पल पल पल याद तेरी तडफाती है,
रो रो कहै यु राधा तुझे बुलाती है,
ओ मेरे कान्हा आजा तु।।
यह भजन मोहित चौधरी,
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