ये तो बता दो बरसाने वाली,
मैं कैसे तुम्हारी लगन छोड़ दूंगा,
तुम्हारी दया पर ये जीवन है मेरा,
मैं कैसे तुम्हारी शरण छोड़ दूंगा।।
किये है गुनाह मैने इतने श्री राधे,
कही ये जमीं आसमां ना हिल जाये,
जबतक श्री राधे रानी क्षमा ना करोगी,
मैं कैसे तुम्हारे चरण छोड़ दूंगा।।
ये तो बता दो बरसाने वाली,
मैं कैसे तुम्हारी लगन छोड़ दूंगा।।
बहुत ठोकरे खा चूका ज़िन्दगी में,
तमन्ना फकत तेरे दीदार की है,
जबतक श्री राधे रानी दर्शन ना दोगी,
मैं कैसे तुम्हारा भजन छोड़ दूंगा।।
ये तो बता दो बरसाने वाली,
मैं कैसे तुम्हारी लगन छोड़ दूंगा।।
भले छूट जाये जमाना ये सारा,
ना छूटे कभी राधे वृन्दावन प्यारा,
यहाँ से मिली मुझको नई जिंदगानी,
कैसे मै वो वृन्दावन छोड़ दूंगा।।
ये तो बता दो बरसाने वारी,
मैं कैसे तुम्हारी लगन छोड़ दूंगा।।
तारो ना तारो ये मर्जी तुम्हारी,
निर्धन की बस आखरी बात सुन लो,
मुझ सा पतित और अधम जो ना तारा,
तुम्हारे ही दर पे मैं दम तोड़ दूंगा।।
ये तो बता दो बरसाने वारी,
मैं कैसे तुम्हारी लगन छोड़ दूंगा।।
ये तो बता दो बरसाने वाली,
मैं कैसे तुम्हारी लगन छोड़ दूंगा।।
तुम्हारी दया पर ये जीवन है मेरा,
मैं कैसे तुम्हारी शरण छोड़ दूंगा।।