ये लखदातारी है,
लीले असवारी है,
तीन बाणधारी बाबा श्याम,
करते सदा भक्तो पे दया,
ये लखदातारी हैं,
लीले असवारी है,
तीन बाणधारी बाबा श्याम।।
तर्ज – हम तुम चोरी से।
शीश दान देकर के,
इसने वरदान था पाया,
कलयुग में भक्तो का,
बाबा श्याम ये कहलाया,
हारे का दूँगा साथ दूँगा साथ,
वचन था माँ को दिया,
ये लखदातारी हैं,
लीले असवारी है,
तीन बाणधारी बाबा श्याम।।
रूठी है किस्मत जिनकी,
नही जिनका कोई सहारा,
हाथ पकड़ता उनका,
जो जग में बेसहारा,
दानी है दातार है दातार है,
माँ मोर्वी का लाल,
ये लखदातारी हैं,
लीले असवारी है,
तीन बाणधारी बाबा श्याम।।
निर्बल को बल निर्धन को,
माया मेरे श्याम है देते,
हारे को जीत दिलाकर,
अपनी शरण में लेते,
‘रूबी रिधम’ की मेरे साँवरे मेरे साँवरे,
ने हर पल रखी लाज,
ये लखदातारी हैं,
लीले असवारी है,
तीन बाणधारी बाबा श्याम।।
ये लखदातारी है,
लीले असवारी है,
तीन बाणधारी बाबा श्याम,
करते सदा भक्तो पे दया,
ये लखदातारी हैं,
लीले असवारी है,
तीन बाणधारी बाबा श्याम।।
Singer – Indu Sharma