ये आँखें बरस रही मेरी कन्हैया आया ना,
मिलन को तरस गई बैरी कन्हैया आया ना,
वादे सारे टूट गए हैं काहे कन्हैया रूठ गए हैं,
फिर भी प्यार तेरा मैंने ना भुलाया है,
ये आँखें बरस रही मेरी कन्हैया आया ना।।
तर्ज – मोहब्बत बरसा देना तू।
क्यों ये जुदाई का गम सहा जाए ना,
क्यों एक पल भी चैन,
मुझको अब आए ना,
तेरे संग जो वक्त बिताया,
याद मुझे वो आता है,
अब तो आजा हरजाई,
तू कितना रुलाता है,
कैसे कलेजा तुझे चीर के दिखाऊ,
मैंने खुद से भी ज्यादा तुझे चाहा है,
पुकार रही राधा तेरी कन्हैया आया ना,
मिलन को तरस गई बैरी कन्हैया आया ना,
वादे सारे टूट गए हैं काहे कन्हैया रूठ गए हैं,
फिर भी प्यार तेरा मैंने ना भुलाया है,
ये आँखें बरस रही मेरी कन्हैया आया ना।।
ये आँखें बरस रही मेरी कन्हैया आया ना,
मिलन को तरस गई बैरी कन्हैया आया ना,
वादे सारे टूट गए हैं काहे कन्हैया रूठ गए हैं,
फिर भी प्यार तेरा मैंने ना भुलाया है,
ये आँखें बरस रही मेरी कन्हैया आया ना।।
स्वर – रवि बेरीवाल जी।