यहाँ देवता महान कहते है सौरभ मधुकर भजन लिरिक्स

यहाँ देवता महान कहते है,
वहाँ राधे का गुलाम कहते हैं।।

तर्ज – मनिहारी का भेष बनाया।



यहां बैठा सिंहासन लगा के,

वहां राधे के पीछे पीछे भागे,
यहां गोकुल की शान कहते हैं,
वहाँ राधे का गुलाम कहते हैं।।



यहाँ भक्तो पे रौब जमाये,

वहाँ उंगली पे राधे नचाये,
यहाँ भक्तो की जान कहते हैं,
वहाँ राधे का गुलाम कहते हैं।।



यहाँ लाखो लाखो आते हैं भिखारी,

वहां राधे का हो गया पुजारी,
यहाँ जिसे भगवान कहते हैं,
वहाँ राधे का गुलाम कहते हैं।।



यहाँ भक्त श्याम श्याम जप रहे हैं,

वहां राधे जी के डंके बज रहे हैं,
यहाँ दानी दयावान कहते हैं,
वहाँ राधे का गुलाम कहते हैं।।



एक राजा भी करता है गुलामी,

ये बनवारी सच्ची है कहानी,
इसे प्रेम का परिणाम कहते हैं,
राधे तुझको प्रणाम करते हैं।।



यहाँ देवता महान कहते है,

वहाँ राधे का गुलाम कहते हैं।।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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