वो दिल कहाँ से लाऊं,
तेरी याद जो भुला दे,
मुझे याद आने वाले,
मुझे याद आने वाले,
कोई रास्ता बता दे,
वो दिल कहां से लाऊं,
तेरी याद जो भुला दे।।
रहने दे मुझको अपने,
कदमों की खाक बनकर,
जो नहीं तुझे गवारा,
जो नहीं तुझे गवारा,
मुझे ख़ाक में मिला दे,
वो दिल कहां से लाऊं,
तेरी याद जो भुला दे।।
मेरे दिल ने तुझको चाहा,
क्या यही मेरी खता है,
माना खता है लेकिन,
माना खता है लेकिन,
ऐसी तो ना सजा दे,
वो दिल कहां से लाऊं,
तेरी याद जो भुला दे।।
वो दिल कहाँ से लाऊं,
तेरी याद जो भुला दे,
मुझे याद आने वाले,
मुझे याद आने वाले,
कोई रास्ता बता दे,
वो दिल कहां से लाऊं,
तेरी याद जो भुला दे।।
स्वर – आचार्य पंकज शर्मा जी।