वो तेरे पास ही खेलता है सदा,
तू उसे देख पाने की कोशिश तो कर,
एक आवाज में सामने आएगा,
तू उसको भुलाने की कोशिश तो कर,
वो तेरे पास ही।।
तर्ज – मैं तेरे इश्क़ में।
प्रीत कर रब से मन अपना जोड़कर,
जग की सब वासनाओं को छोड़कर,
तू बशर इतना कर आह में दर्द भर,
दर्द की ही जुबा को समझता है वो ,
दर्द दिल में जगाने की कोशिश तो कर,
वों तेरे पास ही खेलता है सदा,
तू उसे देख पाने की कोशिश तो कर,
वो तेरे पास ही।।
श्याम का तू भजन कर लगन से,
श्याम की ओर चल सच्चे मन से,
एक कदम तू चले सो कदम वो चले,
वो गले से लगाए तुझे दौड़ के,
तू जरा पास आने की कोशिश तो कर,
वों तेरे पास ही खेलता है सदा,
तू उसे देख पाने की कोशिश तो कर,
वो तेरे पास ही।।
कितना सस्ता है सौदा संसार में,
श्याम बिकता है थोड़े से प्यार में,
‘गजेसिंह’ प्यार कर श्याम दातार से,
प्यार के आंसुओं में वो बह आएगा,
तू आंसू बहाने की कोशिश तो कर,
वों तेरे पास ही खेलता है सदा,
तू उसे देख पाने की कोशिश तो कर,
वो तेरे पास ही।।
वो तेरे पास ही खेलता है सदा,
तू उसे देख पाने की कोशिश तो कर,
एक आवाज में सामने आएगा,
तू उसको भुलाने की कोशिश तो कर,
वो तेरे पास ही।।
स्वर – मुकेश बागड़ा जी।