आओ भक्तों मिलकर हम सब,
खुशियां मनाते है,
यह उत्सव मनाते है,
विश्वकर्मा भगवान की आओ,
जयंती मनाते हैं,
उनकी महिमा गाते हैं,
जय हो विश्वकर्मा भगवान,
जय जय विश्वकर्मा भगवान।।
ऋषि अंगिरा जी ने अपनी,
जब तपस्या की,
लेकिन उनको अपने तप से,
शांति नहीं मिली,
तब प्रभु विश्वकर्मा जी का,
ऋषि ने ध्यान किया,
तब प्रभु कृपा से,
सारी सिद्धियां थी मिली,
विश्वकर्मा जी के चरणों में,
जो ध्यान लगाते हैं,
उनका नाम धियाते है,
विश्वकर्मा भगवान की आओं,
जयंती मनाते हैं,
उनकी महिमा गाते हैं।।
जग में आकर विश्वकर्मा जी ने,
जग को ज्ञान दिया,
निर्माण कार्य का बाबा जी ने,
है उपदेश दिया,
सकल सृष्टि का बाबा जी,
तुमने निर्माण किया,
जग कल्याण की खातिर,
बाबा ने अवतार लिया,
वैद शास्त्र भी प्रभु आपकी,
महिमा गाते है,
विश्वकर्मा भगवान की आओं,
जयंती मनाते हैं,
उनकी महिमा गाते हैं।।
कारीगर दम्पत्ति ने तुमसे,
जब अरदास करी,
सुनकर विनती तुमने उनकी,
मुश्किल दूर करी,
बाबा मैं भी शरण में आया,
सुनके महिमा तेरी,
दे दो मुझको भक्ति अपनी,
सुनलो अर्जी मेरी,
जग के रक्षक जग के पालक,
आप कहाते है,
ऋषि मुनि यह गाते हैं,
विश्वकर्मा भगवान की आओं,
जयंती मनाते हैं,
उनकी महिमा गाते।।
सतयुग में स्वर्गलोक बनाया,
त्रेता में लंका,
द्वापुर में श्री कृष्ण की खातिर,
रच दी द्वारिका,
शिव जी का त्रिशूल बनाया,
सुदर्शन श्री हरि का,
ज्ञान विज्ञान सभी के दाता,
आप ही हो निर्माता,
तुम ही जग के सारे कारज,
सफल बनाते हैं,
दया अपनी बरसाते हैं,
विश्वकर्मा भगवान की आओं,
जयंती मनाते हैं,
उनकी महिमा गाते हैं।।
आओ भक्तों मिलकर हम सब,
खुशियां मनाते है,
यह उत्सव मनाते है,
विश्वकर्मा भगवान की आओ,
जयंती मनाते हैं,
उनकी महिमा गाते हैं,
जय हो विश्वकर्मा भगवान,
जय जय विश्वकर्मा भगवान।।
Singer – Urvashi Sinha
Writer – Shiv Narayan Verma
7987402880