लागी गयो लागी गयो,
लागी गयो रे,
वल्लभ थारो रंग,
मने लागी गयो रे।।
तनडा में लाग्यो,
मारा मनड़ा में लाग्यो,
रोम रोम मारो प्रभु,
गुंजी गयो रे,
वल्लभ थारों रंग मने,
लागी गयो रे।।
वैष्णव तो वाला थारी,
जाखि करे हे,
नज रूम रूप थारो,
वशी गयो रे,
वल्लभ थारों रंग मने,
लागी गयो रे।।
मेवाड़ में थारो धाम,
रूड़ो बणियो,
कांकरोली गांव थारो,
धाम वणियो रे,
वल्लभ थारों रंग मने,
लागी गयो रे।।
लागी गयो लागी गयो,
लागी गयो रे,
वल्लभ थारो रंग,
मने लागी गयो रे।।
लेखक और गायक – धर्मेंद्र तवर।
9829202569