तूने पकड़ा हाथ मेरा,
मैं बड़ी मस्ती में हूँ,
मैं बड़ी मस्ती में हूँ बाबा,
मैं बड़ी मस्ती में हूँ।।
बेसहारों के सहारा,
दिनों के तुम नाथ हो,
जबसे पाया साथ तेरा,
मैं बड़ी मस्ती में हूँ,
तुने पकड़ा हाथ मेरा,
मैं बड़ी मस्ती में हूँ।।
थक गया था करके बाबा,
दुनिया की मैं चाकरी,
जबसे बन गया दास तेरा,
मैं बड़ी मस्ती में हूँ,
तुने पकड़ा हाथ मेरा,
मैं बड़ी मस्ती में हूँ।।
खूब भटका दर ब दर मैं,
खूब खाई ठोकरें,
आ गया दर रास तेरा,
मैं बड़ी मस्ती में हूँ,
तुने पकड़ा हाथ मेरा,
मैं बड़ी मस्ती में हूँ।।
दुनिया ने धोखे दिए है,
जब भरोसा है किया,
कर लिया विश्वास तेरा,
मैं बड़ी मस्ती में हूँ,
तुने पकड़ा हाथ मेरा,
मैं बड़ी मस्ती में हूँ।।
खाटू वाले श्याम तुम तो,
‘रोमी’ की पहचान हो,
जबसे सर पर हाथ तेरा,
मैं बड़ी मस्ती में हूँ,
तुने पकड़ा हाथ मेरा,
मैं बड़ी मस्ती में हूँ।।
तूने पकड़ा हाथ मेरा,
मैं बड़ी मस्ती में हूँ,
मैं बड़ी मस्ती में हूँ बाबा,
मैं बड़ी मस्ती में हूँ।।
गायक – रोमी जी।