तुम्हारी याद आती है,
बताओ क्या करें मोहन,
तुम्हारी याद आती हैं,
बताओ क्या करें मोहन।।
सुबह और शाम आती हैं,
रात भर वो रुलाती हैं,
चैन हमको नही आता,
चैन हमको नही आता,
बताओ क्या करें मोहन,
तुम्हारी याद आती हैं,
बताओ क्या करें मोहन।।
चलूँ जब वो न चलने दे,
रूकूं जब वो न रुकने दे,
मिलूँ औरों से न मिलने दे,
मिलूँ औरों से न मिलने दे,
बताओ क्या करें मोहन,
तुम्हारी याद आती हैं,
बताओ क्या करें मोहन।।
तुम्हारी ये और तुम इसके,
हमारी कौन चलने दे,
ये जब जाएगी तुम आओ,
ये जब जाएगी तुम आओ,
बताओ क्या करें मोहन,
तुम्हारी याद आती हैं,
बताओ क्या करें मोहन।।
तुम्हारी याद आती है,
बताओ क्या करें मोहन,
तुम्हारी याद आती हैं,
बताओ क्या करें मोहन।।
स्वर – श्रीराम गोपाल शास्त्री जी।
प्रेषक – अविनाश मौर्य,
9098200177
Bahut badiya bhaiya ji