तुम आन बसों यही गाँव सुहागन सुंदरी लिरिक्स

तुम आन बसों यही गाँव,
सुहागन सुंदरी,
कौन नगर की परम सुंदरी,
क्या है तुम्हारो नाम,
कौन राजन की बहुआ कहिये,
कौन पुरुष की नार,
सुहागन सुंदरी,
तुम आन बसो यही गाँव,
सुहागन सुंदरी।।



राजा जनक की परम सुंदरी,

सिया हमारो नाम,
राजा दशरथ की बहुआ कहिये,
रामचन्द्र जी की नार,
सुहागन सुंदरी,
तुम आन बसो यही गाँव,
सुहागन सुंदरी।।



कौन बरन है देवर तुम्हारे,

कौन बरन भगवान,
काहे की वो कछनी काठे,
काहे लिए दो हाथ,
सुहागन सुंदरी,
तुम आन बसो यही गाँव,
सुहागन सुंदरी।।



सूर्य बरन है देवर हमारे,

श्याम बरन भगवान,
पिताम्बर की वो कछनी काठे,
धनुष बाण लिए हाथ,
सुहागन सुंदरी,
तुम आन बसो यही गाँव,
सुहागन सुंदरी।।



तुम आन बसों यही गाँव,

सुहागन सुंदरी,
कौन नगर की परम सुंदरी,
क्या है तुम्हारो नाम,
कौन राजन की बहुआ कहिये,
कौन पुरुष की नार,
सुहागन सुंदरी,
तुम आन बसो यही गाँव,
सुहागन सुंदरी।।

प्रेषक – प्रीतम यादव।
8120823027


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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