तु राजा की राजदुलारी मैं सिरफ लंगोटे वाला हूँ लिरिक्स

तु राजा की राजदुलारी,
मैं सिरफ लंगोटे वाला हूँ,
भांग रगड़ के पिया करू मैं,
कुन्डी सोटे वाला हूँ,
तु राजा की राज दूलारी,
मैं सिरफ लंगोटे वाला हूँ।।



सो सो दासी दास पेरे पे,

एक भी दासी रे दास नही,
तु हरीये बागा की रे कोयल,
बरफ पडे हरी घास नहीं,
जाम रछावे तेरा जी रमजावे बटे,
चोपड सतरंग पासा नहीं,
तु मांगे गी साल दुसाले,
कम्बल तक मेरे पास नहीं,
एक कमंडल एक कटोरा,
मोटे रे लोटे वाला हु,
भांग रगड़ के पिया करू मैं,
कुन्डी सोटे वाला हूँ,
तु राजा की राज दूलारी,
मैं सिरफ लंगोटे वाला हूँ।।



दूरदर्शनी बाबा हूँ मैं,

राक देख के डर जागी,
मज धुणे के बीच तपु मेरी,
आग देख के डर जागी,
सो सो नाग पडे मेरे गले में,
नाग देख के डर जागी,
राक गोल के पिया मेरी,
भाग देख के डर जागी,
तु राजा हिमाचल जाई,
मे नीरधन टोटे वाला हु,
भांग रगड़ के पिया करू मैं,
कुन्डी सोटे वाला हूँ,
तु राजा की राज दूलारी,
मैं सिरफ लंगोटे वाला हूँ।।



ग्रहस्ती वाला सुख चाहिए तो,

सदा रे फरारी रया करू,
मेहला बीच में रेण वाली तू,
समसाणा मे बास करू,
तर तर के मांगे रे भोजन,
पेट पुजारी रया करू,
पालकीया मे गुमण वाली,
बिना सवारी रया करू,
जुलफो वाला वर चाहिए तने,
लम्बे रे चोटे वाला हु,
भांग रगड़ के पिया करू मैं,
कुन्डी सोटे वाला हूँ,
तु राजा की राज दूलारी,
मैं सिरफ लंगोटे वाला हूँ।।



अब फेर कहुँ या पारवती,

मेरा ब्याव करणा ठीक नहीं,
सीर पर गंगा मुख पे चंदरमा,
मोड बंदाणा ठीक नहीं,
अब सुलफे वो गांजा,
रोज पीवणीये ने,
दुध पिलाणा ठीक नहीं,
भसमी रमावणीये के तन पे,
तेल चडाणा ठीक नहीं,
मांगे रंग तु बोज मरेगी,
जबर बरोटे वाला हु,
भांग रगड़ के पिया करू मैं,
कुन्डी सोटे वाला हूँ,
तु राजा की राज दूलारी,
मैं सिरफ लंगोटे वाला हूँ।।



तु राजा की राजदुलारी,

मैं सिरफ लंगोटे वाला हूँ,
भांग रगड़ के पिया करू मैं,
कुन्डी सोटे वाला हूँ,
तु राजा की राज दूलारी,
मैं सिरफ लंगोटे वाला हूँ।।

प्रेषक – નારાયણ જાંગીડ
9413344064


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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