तू मोहन से लगा ले दिल,
ये मौका फिर ना आएगा।।
तर्ज – है अपना दिल तो आवारा।
है बंधू तुम्हारे,
दो दिन के सहारे,
सब छोड़ तुझको प्यारे,
भूलेंगे इक दिन,
मोहन का ये नज़ारा,
मौक़ा ये इतना सारा,
सब याद मेरे यारां,
आएगा उस दिन,
बना साथी तू मोहन को,
मन मीत तुझे मिल जाएगा,
तू मोहन से लगा लें दिल,
ये मौका फिर ना आएगा।।
जो समय चला जाए,
वापस नही आए,
तू सोचता रह जाए,
ना कुछ पाएगा,
आ मेरे संग गा ले,
मोहन से प्रीत लगा ले,
इस मस्ती में नहा ले,
तुझे चैन आएगा,
तू खोया क्यों खयालों में,
समय यूँ हीं निकल जाएगा,
तू मोहन से लगा लें दिल,
ये मौका फिर ना आएगा।।
जो है क़िस्मत का मारा,
ना सूझे जब किनारा,
भगवान का सहारा,
मिलेगा उसको,
फिर क्यों तू इतना अटके,
क्यों मोह माया में भटकें,
मौका ये क्यों ना झटके,
मिला है तुझको,
तू ‘अंकुश’ दिल से कर भक्ति,
नसीब तेरा बदल जाएगा,
तू मोहन से लगा लें दिल,
ये मौका फिर ना आएगा।।
तू मोहन से लगा ले दिल,
ये मौका फिर ना आएगा।।
स्वर – मुकेश कुमार जी।