तू मेरे रूबरू मैं तेरे रूबरू भजन लिरिक्स

तू मेरे रूबरू मैं तेरे रूबरू,
रहमतों का निशां,
और क्या चाहिए,
तू कहे कुछ मुझे,
मैं कहूं कुछ तुझे,
और कुछ भी ना इसके,
सिवा चाहिए,
तु मेरे रूबरू।।

तर्ज – मैं तेरे इश्क़ में।



चंद पल हमको देदे दीदार के,

ख़त्म करदे ये दिन इंतज़ार के,
सब ये परदे हटा सामने आ ज़रा,
अब तू ज़िद ही समझ,
या समझ प्रार्थना,
दर्द ए दिल को तुझी से,
दवा चाहिए,
तु मेरे रूबरू।।



इश्क़ है या जुनूं है या बंदगी,

नाम लिख दी तेरे अपनी ज़िन्दगी,
अब है बारी तेरी लाज रखना मेरी,
हंस ना दे ये जहां मेरे हालात पे,
गौर करना तुझे भी,
ज़रा चाहिए
तु मेरे रूबरू।।



कब ये माँगा की सारा जहान दे,

मांग है बस ये थोड़ा ध्यान दे,
ये हंसी पल ना हो आज है कल न हो,
ना बहाने बना और ‘साहिल’ से तू,
अब तो सजदों का मिलना,
सिला चाहिए,
तु मेरे रूबरू।।



तू मेरे रूबरू मैं तेरे रूबरू,

रहमतों का निशां,
और क्या चाहिए,
तू कहे कुछ मुझे,
मैं कहूं कुछ तुझे,
और कुछ भी ना इसके,
सिवा चाहिए,
तु मेरे रूबरू।।

Singer – Shilpi Kaushik


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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