तू खाटू का राजा,
मैं तेरे दर का भिखारी,
ओ मुरली वाले श्याम,
तेरी महिमा है न्यारी,
तू खाटु का राजा,
मैं तेरे दर का भिखारी,
अरे लखदातार बाबा,
तेरी लीला है न्यारी,
तू खाटु का राजा,
मैं तेरे दर का भिखारी।।
तूने बदल डाला,
मेरी तकदीर को,
रंगो से भर डाला,
खाली तस्वीर को,
लगने लगी रे बाबा,
दुनिया ये प्यारी,
नीले के असवार तेरी,
महिमा है न्यारी,
तू खाटु का राजा,
मैं तेरे दर का भिखारी।।
जीवन में बाबा,
एक ही ठिकाना,
तेरे दर बना रहे,
मेरा आना जाना,
सुन लेना बाबा,
ये अर्ज हमारी,
नीले के असवार तेरी,
महिमा है न्यारी,
तू खाटु का राजा,
मैं तेरे दर का भिखारी।।
‘नेहा’ को बाबा,
विश्वास पूरा,
भक्तों का काम,
ना छोड़े अधूरा,
मैं हूं रे बाबा तेरे,
दर का आभारी,
नीले के असवार तेरी,
महिमा है न्यारी,
तू खाटु का राजा,
मैं तेरे दर का भिखारी।।
तू खाटू का राजा,
मैं तेरे दर का भिखारी,
ओ मुरली वाले श्याम,
तेरी महिमा है न्यारी,
तू खाटु का राजा,
मैं तेरे दर का भिखारी,
अरे लखदातार बाबा,
तेरी लीला है न्यारी,
तू खाटु का राजा,
मैं तेरे दर का भिखारी।।
प्रेषक – केशव शर्मा कैथल
8708012470