तीन लोक को स्वामी बैठ्यो बैठ्यो सज धज जोर को

सिंगोली में मंदिर भारी,
श्याम धनी को जोर को,
तीन लोक को स्वामी बैठ्यो,
बैठ्यो सज धज जोर को।।



वे बडला वे बावड़ी जी,

ध्वजा उडंती धाम जी,
दुखिया ने सुखिया करें,
मारो सिंगोली रो श्याम जी,
रथडो प्यारो लागे श्याम जी,
बणवायो थे जोर को,
तीन लोक को स्वामी बेठ्यो,
बेठ्यो सज धज जोर को।।



केसर बरणो रूप श्याम को,

हीरो चमके दाड़ी को,
भोले बाबा सनमुख बैठो,
जो वासी कैलाश को,
प्यारो लागे ओ ठाकुर जी,
हरदम हरियो धोकडो,
तीन लोक को स्वामी बेठ्यो,
बेठ्यो सज धज जोर को।।



नित नया श्रृंगार श्याम का,

देखा ही बण आवे जी,
नाना रूप धर्या मारा ठाकुर,
भक्ता रे मन भावे जी,
सांझ सवेरे आरती में,
ढोल बाजे जोर को,
तीन लोक को स्वामी बेठ्यो,
बेठ्यो सज धज जोर को।।



हर अमावस ठाठ निराला,

आवे गना पाला पाला,
कोई चढ़ावे चटक चूरमा,
कोई लावे थारे फूल माला,
मन का भेद मिटा जो आवे,
पर्चो दी दो जोर को,
तीन लोक को स्वामी बेठ्यो,
बेठ्यो सज धज जोर को।।



फूल डोल को मेलो भारी,

सब है कृपा ठाकुर थारी,
बन ठन के सत्संग में पधारो,
भजन सुणे थारा नर नारी,
ढोल नगाड़ा ताशा बाजे,
बाजे शंख यो जोर को,
तीन लोक को स्वामी बेठ्यो,
बेठ्यो सज धज जोर को।।



धन्य भाग सिंगोली वाला,

धन्य धरा सिंगोली जी,
धन्य धन्य पाराशर सेवक,
आछ्यो पुण्य कमायो जी,
निस्वार्थ भक्ति थे दीज्यो,
दिज्यो खर्चों जोर को,
दास देव थारो सबसे छोटो,
टाबर थारो कोर को,
तीन लोक को स्वामी बेठ्यो,
बेठ्यो सज धज जोर को।।



सिंगोली में मंदिर भारी,

श्याम धनी को जोर को,
तीन लोक को स्वामी बैठ्यो,
बैठ्यो सज धज जोर को।।

गायक – देव शर्मा आमा।
8290376657


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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