तिहारो दरश मोहे भावे,
श्री गंगा मैया,
हरि चरणन से,
प्रकटी है मैया,
शंकर शीश चढा़वे,
ओ गंगा मैया,
तिहारो दरस मोहे भावे,
श्री गंगा मैया।।
सूर नर मुनि तेरी,
करत विनती,
वेद विमल जस गावे,
ओ गंगा मैया,
तिहारो दरस मोहे भावे,
श्री गंगा मैया।।
जो गंगा मैया,
तेरो जल पीवे,
भवसागर तिर जावे,
ओ गंगा मैया,
तिहारो दरस मोहे भावे,
श्री गंगा मैया।।
जो गंगा जी में,
स्नान करे नित,
फेर जनम नहीं पावे,
श्री गंगा मैया
तिहारो दरस मोहे भावे,
श्री गंगा मैया।।
दास नारायण,
शरण तिहारी,
जनम जनम जस गावे,
श्री गंगा मैया,
तिहारो दरस मोहे भावे,
श्री गंगा मैया।।
तिहारो दरश मोहे भावे,
श्री गंगा मैया,
हरि चरणन से,
प्रकटी है मैया,
शंकर शीश चढा़वे,
ओ गंगा मैया,
तिहारो दरस मोहे भावे,
श्री गंगा मैया।।
स्वर – संत श्री सुखराम जी महाराज।
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