थारी सांवरी सूरत वालो वेश,
बंसी वाला मोहन प्यारा,
गायो वाला आइजो हमारे देश।।
कागज नाहीं स्याही नाहीं,
लेखन इण संदेश,
पंछी को प्रवेश नहीं,
मैं किण विद् लिखूँ संदेश रे,
मोहन प्यारा गायों वाला,
बंसी वाला आइजो हमारे देश।।
सांवरे ने ढूंढन गई,
कर जोगन रो वेश,
ढूंढत ढूंढत जुग भया,
म्हारा धोला हो गया केश,
मोहन प्यारा बंसी वाला,
गायों वाला आइजो हमारे देश।।
मोर मुकुट कटि काछनी जी,
घुंघर वाला केश,
मीरा ने प्रभु गिरधर,
मिलिया कर नटवर रो वेश,
मोहन प्यारा गायों वाला,
बंसी वाला आइजो हमारे देश।।
थारी सांवरी सूरत वालो वेश,
बंसी वाला मोहन प्यारा,
गायो वाला आइजो हमारे देश।।
Singer – Sukhram Ji
Upload By – Keshav