थारी चादर लेके आया हूँ,
बाबा थोड़ा ध्यान धरो,
मैं हूँ थारो टाबर बाबा,
सिर पर म्हारे हाथ धरो।।
सच्चे मन सु चादर बाबा,
हाथा से बनवाई जी,
गोटा लाल किनारी बाबा,
मोत्या स झड़वाई जी,
रंग रंगीली चादर बाबा,
थारे आये चढ़ावा जी।।
लाडू पेड़ा मेवा मिश्री,
थारे भोग चढ़ावा जी,
खीर चूरमा काजु बर्फी,
छपन भोग लगावा जी,
रूचि रूचि बाबा भोग लगाओ,
पान सुपारी लाया जी।।
समाधि की चादर बाबा,
म्हारे मन मे भाई जी,
डाली बाई के खातिर बाबा,
बिंदिया चुनड लाया जी,
चांदी वालों छतर बाबा,
थारे आये चढ़ावा जी।।
सोहन लाल चूरू बाबा,
थाने शीस नवावे जी,
रतनगढ़ सु दास गोपालो,
चादर लेके आवे जी,
लजा म्हारी राखो बाबा,
सिर पर म्हारे हाथ धरो।।
थारी चादर लेके आया हूँ,
बाबा थोड़ा ध्यान धरो,
मैं हूँ थारो टाबर बाबा,
सिर पर म्हारे हाथ धरो।।
गायक – गोपाल सोनी रतनगढ़।
9982095020