थाने रामदेव परणावे परनिजो भाटी हरजी,
इन रे जुगड़ा में शगाई मत करो बावजी,
बाबा रामदेव परणावे पर्णीजो भाटी हरजी।।
लुगाया आवे म्हारा बाबा कपड़ा जी मांगे,
कपड़ा कठासु लावू म्हारा बावजी,
कपड़ा मांगे म्हारा कपड़ा मैं लावू,
थारो शिरमियो बनने आवु म्हारा हरजी।।
लुगाया आवे म्हारा बाबा गहना मांगे,
गहना कठासु लावू म्हारा बावजी,
गहना मांगे म्हारा हरजी,
थारे लिए सोनी बनने आवु म्हारा हरजी।।
लुगाया आवे म्हारा बाबा रूपियाजी मांगे,
रूपिया कठासु लावू म्हारा बावजी,
रूपिया मांगे रुपिया मैं लावू,
थारे लिए सेठ बननी आवु म्हारा हरजी।।
लुगाया आवे म्हारा सुडलाजी मांगे,
सुडला कठासु लावू म्हारा बावजी,
सुडला मांगे म्हारा हरजी सुडला मैं लावू,
थारे चूड़ी घर बन आवु म्हारा हरजी।।
हरी रे शरणों में भाटी हरजी यु बोले,
बाने तो विडध बंधवो म्हारा बावजी।।
थाने रामदेव परणावे परनिजो भाटी हरजी,
इन रे जुगड़ा में शगाई मत करो बावजी,
बाबा रामदेव परणावे पर्णीजो भाटी हरजी।।
गायक – मोईनुद्दीन मनचला जी।
भजन प्रेषक – श्रवण सिंह राजपुरोहित।
सम्पर्क – +91 90965 58244