ठाकरी सी लागी थारी चाकरी या लागी जी भजन लिरिक्स

ठाकरी सी लागी थारी,
चाकरी या लागी जी,
बाबा थारी चाकरी भी,
ठाकरी सी लागी जी,
ठाकरी सी लागि थारी,
चाकरी या लागी जी।।



काम नहीं थो कोई म्हाने,

मारो मारो फिरतो थो,
दो रोटी के खातिर मैं तो,
सेठा सेठा करतो थो,
सेठा सेठा करतो थो,
साँचो सेठ मिल्यो तो घर में,
बाजरी भी आगि जी,
बाबा थारी चाकरी भी,
ठाकरी सी लागी जी।।



देख के म्हाने मिनख जहाँ का,

अपनी पीठ दिखाता था,
करके तमाशा म्हारी दशा का,
म्हारी हंसी उड़ाता था,
म्हारी हंसी उड़ाता था,
इब सगळा के होंठा बाबा,
सांकली सी लागि जी,
बाबा थारी चाकरी भी,
ठाकरी सी लागी जी।।



खोटो सिक्को जाण के म्हाने,

ठोकर मार गुडाया था,
गैरा की के बोला सागी,
घर का भी छिटकाया था,
घर का भी छिटकाया था,
थारे दर पे आके खोटी,
पावली भी चाली जी,
बाबा थारी चाकरी भी,
ठाकरी सी लागी जी।।



बीती बाता याद करूँ क्यूँ,

मेरे रोज दिवाली है,
जीवन म्हारो श्याम हवाले,
यो म्हारो बनमाली है,
यो म्हारो बनमाली है,
थारो साथ मिल्यो तो ‘सरिता’,
दुनिया पुछण लागि जी,
बाबा थारी चाकरी भी,
ठाकरी सी लागी जी।।



ठाकरी सी लागी थारी,

चाकरी या लागी जी,
बाबा थारी चाकरी भी,
ठाकरी सी लागी जी,
ठाकरी सी लागि थारी,
चाकरी या लागी जी।।

Singer : Vivek Sharma


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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