थाकी मूरत मन में भावे ओ भेरुजी भजन लिरिक्स

वाला का ढावा पे बैठा,
भेरू खजूरिया वाला सा,
थाकी मूरत मन में भावे ओ भेरुजी,
थाकी मूरत मन में भावे ओ भेरुजी।।



भीलवाडा जिला मे बेठा,

गांव खजुरिया माई सा,
कोई बिगडिया काम बणावे ओ भेरुजी।।



मोटी मोटी बणी सराया,

देख्यां ही बण आवे सा,
ज्यां पे लाल ध्वजा फहरावे ओ भेरुजी।।



थावर ने इतवार जात्री,

दूर दूर सुं आवे सा,
कोई पैदल चलकर आवे ओ भेरुजी।।



निंबड़ला री छाया नीचे,

गणा रूपाला लागो सा,
कोई मनडा री आश पुरावे ओ भेरुजी।।



ढोल नगाड़ा नोपत बाजे,

थाका जागण माई सा,
कोई राती जगा लगा वे ओ भेरुजी।।



रूप रूपाला भेरुजी की,

महिमा गाय सुणावा सा,
कोई सुनिल महिमा बणाई ओ भेरूजी।।



वाला का ढावा पे बैठा,

भेरू खजूरिया वाला सा,
थाकी मूरत मन में भावे ओ भेरुजी,
थाकी मूरत मन में भावे ओ भेरुजी।।

गायक – सुनील कुमावत।
9783225024


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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