तेरी मेहर का क्या है भरोसा,
कब किस पर ये हो जाए,
इसी आस में हम भी बैठे,
इसी आस में हम भी बैठे,
शायद हम पर हो जाए,
तेरी मेहर का क्या हैं भरोसा,
कब किस पर ये हो जाए।।
जिस पर तेरी मेहर हो गई,
वो भव सागर पार हुआ,
चाहे जितने पाप किए हो,
उसका तो उद्धार हुआ,
गिद्ध अजामिल गणिका जैसे,
गिद्ध अजामिल गणिका जैसे,
तेरी मेहर से तर पाए,
तेरी मेहर का क्या हैं भरोसा,
कब किस पर ये हो जाए।।
ध्रुव प्रह्लाद पे कृपा हुई तो,
नित तेरा गुणगान किया,
चाहे जितनी आफत आई,
फिर भी तेरा नाम लिया,
मीरा हो गई श्याम दीवानी,
मीरा हो गई श्याम दीवानी,
श्याम श्याम ही मन भाए,
तेरी मेहर का क्या हैं भरोसा,
कब किस पर ये हो जाए।।
श्री चरणों की सेवा देकर,
हे मालिक कल्याण करो,
सुना सुना दिल का आँगन,
आकर दिल में वास करो,
सुने दिल के दर्द को समझो,
सुने दिल के दर्द को समझो,
काहे इतना तरसाए,
तेरी मेहर का क्या हैं भरोसा,
कब किस पर ये हो जाए।।
जन्मों का है साथ हमारा,
बहुत हुआ अब माफ़ करो,
करके एक नजर मनमोहन,
अपनों से कुछ बात करो,
‘नंदू’ कबतक मेहर ना होंगी,
‘नंदू’ कबतक मेहर ना होंगी,
देखे कब तक ठुकराए,
तेरी मेहर का क्या हैं भरोसा,
कब किस पर ये हो जाए।।
तेरी मेहर का क्या है भरोसा,
कब किस पर ये हो जाए,
इसी आस में हम भी बैठे,
इसी आस में हम भी बैठे,
शायद हम पर हो जाए,
तेरी मेहर का क्या हैं भरोसा,
कब किस पर ये हो जाए।।
स्वर – कुमार विशु जी।
Jai shree shayam ?