तेरी किरपा ते जिंदगी,
कट री से मौज में,
काम भी रुकता कोन्या,
धेला ना गौज में।।
तर्ज – छुरिया चल जाए मेरी।
साईकिल तक ना थी घर में,
आज होरी से मेरे गाडी,
होरी से मेरे गाडी,
जबसे तेरी शरण में आया,
किस्मत हो गई ठाड़ी,
किस्मत हो गई ठाड़ी,
हाँडू था धक्के खाता,
धंधे की खोज में,
हाँडू था धक्के खाता,
धंधे की खोज में,
काम भी रुकता कोन्या,
धेला ना गौज में।।
मेरे पे अहसान सांवरे,
करे कसुते भारी,
करे कसुते भारी,
नहीं किसी ते लुक़मा बाबा,
जाणे दुनिया सारी,
जाणे दुनिया सारी,
ज्यादा किरपा मत करिये,
मर जांगा बोझ में,
ज्यादा किरपा मत करिये,
मर जांगा बोझ में,
काम भी रुकता कोन्या,
धेला ना गौज में।।
‘भीमसेन’ तेरे नाम की माला,
रटता शाम सवेरी,
रटता शाम सवेरी,
खाटू नगरी आए पाछे,
जिंदगी बनगी मेरी,
जिंदगी बनगी मेरी,
याद करूँ सु तन्ने,
डंग डंग पे रोज मैं,
याद करूँ सु तन्ने,
पग पग पे रोज मैं,
काम भी रुकता कोन्या,
धेला ना गौज में।।
तेरी किरपा ते जिंदगी,
कट री से मौज में,
काम भी रुकता कोन्या,
धेला ना गौज में।।
स्वर – मोना जी मेहता।