तेरी कैसी मुझसे यारी,
तू दाता मैं भिखारी,
बनवारी गिरधारी,
ओ मुरारी सुखकारी।।
तर्ज – तू जहाँ जहाँ चलेगा।
आंधिया ही हर तरफ है,
मेरे सर पे छत नहीं है,
तूफ़ा का सिलसिला है,
दीवारों दर नहीं है,
तू आजा आड़ बनके,
तुझे ये ही लाज़मी है,
अब तेरा आसरा है,
मेरी देखो ये लाचारी,
मेरे दाता गिरधारी,
ओ मुरारी सुखकारी।।
नरसी की लाज राखी,
नानीबाई की शान बढ़ाई,
कर्मा की ज़िद उठाई,
मेरी क्यों ना हुई सुनवाई,
वो सुदामा था यार तेरा,
कब आएगी मेरी बारी,
कहीं देर ना हो जाये,
दुनिया से मैं तो हारी,
मेरे दाता गिरधारी,
ओ मुरारी सुखकारी।।
तेरी कैसी मुझसे यारी,
तू दाता मैं भिखारी,
बनवारी गिरधारी,
ओ मुरारी सुखकारी।।
Singer / Writer – Swati Nirkhi