तेरी जय हो भोलेनाथ,
ओ नाथ,
तेरा डम डम डमरू बाज रहा,
तेरा डम डम डमरू बाज रहा,
तेरा डम डम डमरू बाज रहा,
सारा जग डमरू पे नाच रहा,
तेरी जय हो भोलेनाथ,
ओ नाथ,
तेरा डम डम डमरू बाज रहा।।
तर्ज – अनोखी थारी झांकी।
ओ नीलकंठ ओ त्रिपुरारी,
ओ शिवनन्दी के असवारी,
जटा गंग है, जटा गंग है,
जटा गंग है गंगा मात,
ओ नाथ,
तेरा डम डम डमरू बाज रहा,
तेरी जय हो भोले नाथ,
ओ नाथ,
तेरा डम डम डमरू बाज रहा।।
तन भस्मी रमाए रहता तू,
बस ध्यान लगाए रहता तू,
तीनो लोको में, तीनो लोको में,
तीनो लोको में तेरी करामात,
ओ नाथ,
तेरा डम डम डमरू बाज रहा,
तेरी जय हो भोले नाथ,
ओ नाथ,
तेरा डम डम डमरू बाज रहा।।
प्रभु ‘चोखानी’ तेरी शरण पड़ा,
कर जोड़ के ‘शर्मा’ द्वार खड़ा,
मेरे सर पे, मेरे सर पे,
मेरे सर पे रख दो हाथ,
ओ नाथ,
तेरा डम डम डमरू बाज रहा,
तेरी जय हो भोले नाथ,
ओ नाथ,
तेरा डम डम डमरू बाज रहा।।
तेरी जय हो भोलेनाथ,
ओ नाथ,
तेरा डम डम डमरू बाज रहा,
तेरा डम डम डमरू बाज रहा,
तेरा डम डम डमरू बाज रहा,
सारा जग डमरू पे नाच रहा,
तेरी जय हो भोलेनाथ,
ओ नाथ,
तेरा डम डम डमरू बाज रहा।।