आ जाए मेरा नाम,
तेरे कलाकारों में,
तेरी भेटें गाता रहूं,
तेरे जगरातो में।।
ना सुरों का ना ही लय का,
मुझको मैया ज्ञान है,
लाज रखना शेरोवाली,
अब तो तेरा काम है,
खो जाऊं मैं आज,
तेरे जयकारो में,
तेरी भेंटे गाता रहूँ,
तेरे जगरातो में।।
नरेंद्र चंचल जी को तूने,
जैसे अपना प्यार दिया,
भेंटे तेरी गा के उसने,
नाम अपना अमर किया,
ऐसे ही गाऊं,
तेरे नवरात्रों में,
तेरी भेंटे गाता रहूँ,
तेरे जगरातो में।।
तेरी भेंटे सुन के मैया,
कोई भी रह ना पायेगा,
इतनी कृपा कर दो अंबे,
‘राजू’ सबको नचाएगा,
झूम उठे आज सारे,
तेरे दरबारो में,
तेरी भेंटे गाता रहूँ,
तेरे जगरातो में।।
आ जाए मेरा नाम,
तेरे कलाकारों में,
तेरी भेटें गाता रहूं,
तेरे जगरातो में।।
गायक / लेखक – राजू पाडरी।
9797318379