तेरे सिवा कहीं,
दिल नही लगता,
तेरे सिवा कही,
दिल नही लगता,
मेरे दिल में एक,
बाबोसा तू ही बसता।।
तर्ज – खाली दिल नहीं।
तुमसे ही बांधी मैने,
जन्मो की प्रीत है,
प्रेमियों का प्रेम तू ही,
मन का मीत है,
भक्तो को प्यार देता,
यही तेरी रीत है,
मन को लुभाये जो वो,
प्यारा तेरा गीत है,
पागल मन मेरा,
बार बार कहता,
पागल मन मेरा,
बार बार कहता,
मेरे दिल में एक,
बाबोसा तू ही रहता।।
मेरा सहारा तू,
बड़ा दिलदार है,
हरपल बरसता तेरा,
भक्तो पे प्यार है,
जहाँ बारिश होती प्रेम की,
वो तेरा दरबार है,
अपना खजाना लुटा रहा,
श्री बाबोसा सरकार है,
सदा प्रेमियों के,
भाव मे ये बहता,
सदा प्रेमियों के,
भाव मे ये बहता,
मेरे दिल मे एक,
बाबोसा तू ही रहता।।
मैं तेरी दीवानी,
ओ मेरे बाबोसा,
तेरे जैसा दुनिया में,
‘दिलबर’ न कोई,
तेरे सिवा न,
मेरा कोई और हैं,
करे दुनिया ये,
जिसका ही सजदा,
करे दुनिया ये,
जिसका ही सजदा,
मेरे दिल मे एक,
बाबोसा तू ही रहता।।
तेरे सिवा कहीं,
दिल नही लगता,
तेरे सिवा कही,
दिल नही लगता,
मेरे दिल में एक,
बाबोसा तू ही बसता।।
गायिका – दिव्य्या वर्मा मुम्बई।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365