तेरे सिर पर सीताराम,
फिकर फिर क्या करना,
तेरे बिगड़े बनेंगे काम,
फिकर फिर क्या करना,
तेरे सर पर सीताराम,
फिकर फिर क्या करना।।
पितु रघुबर श्री जानकी मैया,
फिर क्यों परेशान हो भैया,
तेरे कटेगे कष्ट तमाम,
फिकर फिर क्या करना,
तेरे सर पर सीताराम,
फिकर फिर क्या करना।।
जो जन रामकथा सत्संगी,
उनके सहायक श्री बजरंगी,
है अतुलित बल के धाम,
फिकर फिर क्या करना,
तेरे सर पर सीताराम,
फिकर फिर क्या करना।।
अगर प्रभु मनमानी करेंगे,
नही शरणागत पीड़ हरेंगे,
होगा विरद बदनाम,
फिकर फिर क्या करना,
तेरे सर पर सीताराम,
फिकर फिर क्या करना।।
तेरे सिर पर सीताराम,
फिकर फिर क्या करना,
तेरे बिगड़े बनेंगे काम,
फिकर फिर क्या करना,
तेरे सर पर सीताराम,
फिकर फिर क्या करना।।
गायक / प्रेषक – आचार्य राजकृष्ण।
9529295695