तेरे दरबार की महिमा बड़ी निराली है भजन लिरिक्स

तेरे दरबार की महिमा,
बड़ी निराली है,
तू तो दाती है दयालु है,
झंडे वाली है,
तेरे दरबार की महिमा,
बड़ी निराली है।।

तर्ज – तेरी गलियों का हूँ आशिक़।



तेरे चेहरे से दाती,

नूर नूर बरसे है,
रहमते तू लुटाती खूब,
तेरे दर से है,
तेरे होते रहेगी कैसे,
झोली खाली है,
तू तो दाती है दयालु है,
झंडे वाली है,
तेरें दरबार की महिमा,
बड़ी निराली है।।



तेरे दीदार को कई बार,

दिल मचलता है,
तेरा ही नाम जुबां से,
माँ निकलता है,
बैठे चरणों में तेरे आकर,
वो भाग्यशाली है,
तू तो दाती है दयालु है,
झंडे वाली है,
तेरें दरबार की महिमा,
बड़ी निराली है।।



ये तमन्ना है तुझसे दूर,

ना रहूं मैया,
तू भी जाने है तुझसे और,
कहूँ मैया,
‘लहरी’ नैनो में तेरी झांकी,
माँ सजा ली है,
तू तो दाती है दयालु है,
झंडे वाली है,
तेरें दरबार की महिमा,
बड़ी निराली है।।



तेरे दरबार की महिमा,

बड़ी निराली है,
तू तो दाती है दयालु है,
झंडे वाली है,
तेरे दरबार की महिमा,
बड़ी निराली है।।

Singer : Uma Lahri


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

2 COMMENTS

  1. अति सुंदर ,,,मधुर आवाज का जादू मन को मोह रहा है

    • इस प्रतिक्रिया के लिए आपका धन्यवाद।
      कृपया प्ले स्टोर से “भजन डायरी” एप्प डाउनलोड करे।

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