तेरा सुमिरन तेरा दर्शन यही आधार मेरा भजन लिरिक्स

तेरा सुमिरन तेरा दर्शन,
यही आधार मेरा,
इसके बदले मैं ज़माने की,
कोई चीज़ ना लूँ।।



मुझे है नाज़ प्रभु,

आपकी इस रहमत पे,
मैं तो हर रोज़ तेरे,
गीत गुनगुनाता हूँ,
मुझे दरकार नहीं श्याम,
किसी उत्सव की,
मैं तो होली दिवाली,
रोज़ ही मनाता हूँ,
तेरा जलसा तेरा कीर्तन,
यही त्यौहार मेरा,
इसके बदले मैं ज़माने की,
कोई चीज़ ना लूँ।।



मैंने देखे हैं दुनिया भर के,

नज़ारे लेकिन,
मेरे मन को तो श्याम,
बस तेरा ही दर भाये,
तेरी चौखट पे सर झुका के,
चैन मिलता यूँ,
जैसे बच्चे को माँ की गोद,
में सुकून आए,
तेरा मंदिर तेरा आंगन,
यही घरबार मेरा,
इसके बदले मैं ज़माने की,
कोई चीज़ ना लूँ।।



मेरे हाथों की लकीरों में,

जो लिखा ना था,
मैंने तेरे दर से श्याम,
रिश्ता वो भी पाया है,
मुझे जब भी पड़ी दरकार,
तेरी रेहमत की,
श्याम प्रेमी के रूप में,
तू ही तो आया है,
तेरे प्रेमी तेरे सेवक,
यही परिवार मेरा,
इसके बदले मैं ज़माने की,
कोई चीज़ ना लूँ।।



तेरा सुमिरन तेरा दर्शन,

यही आधार मेरा,
इसके बदले मैं ज़माने की,
कोई चीज़ ना लूँ।।

Singer – Sheetal Pandey Ji


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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