तेरा रोम रोम हर बोले,
चित्त हरि सागर में धोले रे,
तेरा रोम रोम हर बोले,
बोले रोम रोम हर बोलें।।
गुरु की बात यही है ज्ञानी,
बिन गुरु गुण नहीं पावे जी,
अपने गुरु की सेवा करले,
अपने गुरु की सेवा करले,
ह्रदय के पट खोले,
तेरा रोम रोम हर बोलें,
बोले रोम रोम हर बोलें।।
जाग जगत में जाग तू ऐसा,
तन मन सब कुछ जागे जी,
सोजा तू सुरता कर सोजा,
सोजा तू सुरता कर सोजा,
मन नहीं इत उत डोले,
तेरा रोम रोम हर बोलें,
बोले रोम रोम हर बोलें।।
हर में समाकर हर ही होजा,
हर ही हर दरशावे जी,
ज्ञान की चादर जब तू ओढ़े,
ज्ञान की चादर जब तू ओढ़े,
तब तू हर का होवे,
तेरा रोम रोम हर बोलें,
बोले रोम रोम हर बोलें।।
शुभ रंग ये तेरी काया माहि,
सब कुछ प्रकट होवे जी,
अपने आप में सोच समझ तू,
अपने आप में सोच समझ तू,
राई के पर्वत डोले रे,
तेरा रोम रोम हर बोलें,
बोले रोम रोम हर बोलें।।
तेरा रोम रोम हर बोले,
चित्त हरि सागर में धोले रे,
तेरा रोम रोम हर बोले,
बोले रोम रोम हर बोलें।।
Singer – Shri Narayan Swami Ji