तेरा ही दिया जीवन,
तुझपे ही लुटाना है,
जो कुछ भी दिया तुमने,
उसका शुकराना है,
तेरा ही दिंया जीवन,
तुझपे ही लुटाना है।।
तर्ज – एक प्यार का नगमा।
क्या लेकर आये थे,
क्या लेकर जायेंगे,
राजा हो रंक सभी,
इक दिन मर जायेंगे,
तेरी इस दुनिया में,
कुछ वक़्त बिताना है,
जो कुछ भी दिया तुमने,
उसका शुकराना है,
तेरा ही दिंया जीवन,
तुझपे ही लुटाना है।।
ये वक़्त का पहिया है,
चलता ही जाता है,
हम सब तेरे पुतले हैं,
हमें तू ही नचाता है,
ये भाव भजन तुमसे,
मिलने का बहाना है,
जो कुछ भी दिया तुमने,
उसका शुकराना है,
तेरा ही दिंया जीवन,
तुझपे ही लुटाना है।।
तन की सुंदरता पे,
इतना इतराते हैं,
मन मैला है कितना,
ये देख ना पाते हैं,
बनकर के राख प्रभु,
एक दिन उड़ जाना है,
जो कुछ भी दिया तुमने,
उसका शुकराना है,
तेरा ही दिंया जीवन,
तुझपे ही लुटाना है।।
‘रोमी’ की अर्ज़ी पे,
तेरी मर्ज़ी हो जाए,
तुझसे हो मिलन प्यारे,
तुझ में ही खो जाए,
तुमसे दो बातों का,
मुझे वक़्त चुराना है,
जो कुछ भी दिया तुमने,
उसका शुकराना है,
तेरा ही दिंया जीवन,
तुझपे ही लुटाना है।।
तेरा ही दिया जीवन,
तुझपे ही लुटाना है,
जो कुछ भी दिया तुमने,
उसका शुकराना है,
तेरा ही दिंया जीवन,
तुझपे ही लुटाना है।।
Singer – Sardar Romi Ji
अति सुंदर