तेरा दर्श पाने को जी चाहता है,
खुदी को मिटाने का जी चाहता है।।
पिला दो हमें श्याम मस्ती के प्याले,
मस्ती में आने को जी चाहता है,
तेरा दर्श पाने को जी चाहता है,
खुदी को मिटाने का जी चाहता है।।
दुनिया है मेरे श्याम नज़र का धोखा,
इसे ठुकराने को जी चाहता है,
तेरा दरश पाने को जी चाहता है,
खुदी को मिटाने का जी चाहता है।।
उठे श्याम तेरी मोहब्बत का दरिया,
मेरा डूब जाने को जी चाहता है,
तेरा दरश पाने को जी चाहता है,
खुदी को मिटाने का जी चाहता है।।
जुदाई तुम्हारी सहे श्याम कैसे,
गले से लगाने को जी चाहता है,
तेरा दरश पाने को जी चाहता है,
खुदी को मिटाने का जी चाहता है।।
आँखों में आंसू भरे श्याम मेरे,
जान लुटाने को जी चाहता है,
तेरा दरश पाने को जी चाहता है,
खुदी को मिटाने का जी चाहता है।।