तेरा भगत हार कर के तेरे दर पे आया है भजन लिरिक्स

तेरा भगत हार कर के,
तेरे दर पे आया है,
गैरो की बताएं क्या,
अपनों का सताया है,
तेंरा भगत हार कर के,
तेरे दर पे आया है।।

तर्ज – एक आस तुम्हारी है।



हर दर को देख लिया,

अब तेरा नाम लिया,
हमने तो सुना मोहन,
तूने सबका काम किया,
तूने सबका काम किया,
नैनो में भर कर के,
दो आंसू लाया हूँ,
गैरो की बताएं क्या,
अपनों का सताया है,
तेंरा भगत हार कर के,
तेरे दर पे आया है।।



अब तो बाबा मुझको,

दुखड़ो ने घेरा है,
तेरे बालक ने बाबा,
अब तुमको पुकारा है,
अब तुमको पुकारा है,
तेरे चरणों की बाबा,
मेरे सिर पर छाया है,
गैरो की बताएं क्या,
अपनों का सताया है,
तेंरा भगत हार कर के,
तेरे दर पे आया है।।



कहता है ‘रविन्दर’ यूँ,

ये अर्जी मेरी है,
अर्जी को पढने में,
बाबा क्या देरी है,
बाबा क्या देरी है,
अब की बारी बाबा,
मैंने तुमको ध्याया है,
गैरो की बताएं क्या,
अपनों का सताया है,
तेंरा भगत हार कर के,
तेरे दर पे आया है।।



तेरा भगत हार कर के,

तेरे दर पे आया है,
गैरो की बताएं क्या,
अपनों का सताया है,
तेंरा भगत हार कर के,
तेरे दर पे आया है।।

Singer – Veer Sanwra


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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