सुनो मेरे बजरंगी,
सभी के हो तुम संगी,
करना हमारा बेड़ा पार जी,
तुम बिना मेरा यहां कोई नहीं जी,
तुमको मैं ढूंढा प्रभु हर कहीं जी,
राह बता दो मुझे सही-सही जी,
राह बता दो मुझे सही-सही जी,
भटकूं न राह अब आगे कहीं जी,
सुनों मेरे बजरंगी,
सभी के हो तुम संगी,
करना हमारा बेड़ा पार जी।।
तर्ज – अरे रे मेरी जान है राधा।
राम जी की सेवा में रहते हो जी,
सियाराम सियाराम कहते हो जी,
राम भक्तों में तुम जैसा कोई नहीं जी,
राम भक्तों में तुम जैसा कोई नहीं जी,
जहां रहे राम सिया तुम भी वही जी,
सुनों मेरे बजरंगी,
सभी के हो तुम संगी,
करना हमारा बेड़ा पार जी।।
मां सीता का पता लगाया,
लांघ के सागर जी,
जानते हैं तुम तीनो लोक उजागर जी,
मूरख हूँ आ के भर दो,
ज्ञान का गागर जी,
धन्य हो जाऊंगा मैं दर्शन पाकर जी,
सुनों मेरे बजरंगी,
सभी के हो तुम संगी,
करना हमारा बेड़ा पार जी।।
जब से करी है मैंने तेरी भक्ति जी,
मुझको मिली है अद्भुत शक्ति जी,
मन में है श्रद्धा जीने की शक्ति जी,
‘संजू’ को दे दो जीवन से मुक्ति जी,
सुनों मेरे बजरंगी,
सभी के हो तुम संगी,
करना हमारा बेड़ा पार जी।।
सुनो मेरे बजरंगी,
सभी के हो तुम संगी,
करना हमारा बेड़ा पार जी,
तुम बिना मेरा यहां कोई नहीं जी,
तुमको मैं ढूंढा प्रभु हर कहीं जी,
राह बता दो मुझे सही-सही जी,
राह बता दो मुझे सही-सही जी,
भटकूं न राह अब आगे कहीं जी,
सुनों मेरे बजरंगी,
सभी के हो तुम संगी,
करना हमारा बेड़ा पार जी।।
गीतकार व गायक – संजू वाडीवा।
मोबाइल – 98933 23746