सुन्दर स्वपन सजल रहे,
जल ढारे के मन भईल,
सावन में कावर लेके बाबा,
आबे के मन भईल।।
काहे के हमके दुखबा,
दिहला ए भोलेदानी,
चाह के रौउरा शरण मे हम त,
नईखे आवा तानी,
नईखे आवा तानी,
मन के हमार बतिया,
मन मे ही रह गईल,
सावन मे कांवर लेके बाबा,
आबे के मन भईल।।
राउर बा महिमा भारी,
सब जानेला शंभू दानी,
सबके बिगड़ी बनावेला,
तु हमके बनाईदा त जानी,
हमके बनाईदा त जानी,
बा बहुते आस तोहसे,
मन मनही मे खुश भईल,
सावन मे कांवर लेके बाबा,
आबे के मन भईल।।
सुन्दर स्वपन सजल रहे,
जल ढारे के मन भईल,
सावन में कावर लेके बाबा,
आबे के मन भईल।।
Singer / Upload – Shailesh Singh
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