सुन्दर भवन बना के,
मात मेरी बैठी आसन ला के।।
मेरी मईया की शेर सवारी,
मेरी मईया की शेर सवारी,
दुर्गा रूप बना के,
मात मेरी बैठी आसन ला के।।
मेरी मईया की गरूड सवारी,
मेरी मईया की गरूड सवारी,
लक्ष्मी रूप बना के,
मात मेरी बैठी आसन ला के।।
मेरी मईया की बैल सवारी,
मेरी मईया की बैल सवारी,
गौरा रूप बना के,
मात मेरी बैठी आसन ला के।।
मेरी मईया की मोर सवारी,
मेरी मईया की मोर सवारी,
सरस्वती रूप बना के,
मात मेरी बैठी आसन ला के।।
सुन्दर भवन बना के,
मात मेरी बैठी आसन ला के।।
स्वर – नरेंद्र कौशिक।
– भजन प्रेषक –
प्रमोद ग्रोवर महम (रोहतक) हरियाणा
8930278900