सुन मारी सुरता अजब कामनी,
दोहा – राम किसी को मारे नही,
ओर सबके दाता राम,
अपने आप मर जावसी,
कर कर खोटा काम।
घर रा देवलिया में घोर अंधेरो,
अरे घर रा देवलिया मे घोर अंधेरो,
पचे परघर दिवला क्यु जोवे,
सुन मारी सूरता अजब कामनी,
भजन बिना हेलो क्यु खोवे,
सुन मारी सूरता अजब कामनी,
भजन बिना हेलो क्यु खोवे ए हा।।
घर रो छोकरो सेठ नही जाने,
पर घर फलका क्यु पोवे,
घर रो छोकरो सेठ नही जाने,
पर घर फलका क्यु पोवे,
सुन मारी सूरता अजब कामनी,
भजन बिना हेलो क्यु खोवे,
सुन मारी सूरता अजब कामनी,
भजन बिना हेलो क्यु खोवे ए हा।।
घर रा देवलिया मे समंद भरीया है,
पचे नाडा मे कपडा क्यु धोवे,
घर रा देवलिया मे समंद भरीया है,
पचे नाडा मे कपड़ा क्यु धोवे,
सुन मारी सूरता अजब कामनी,
भजन बिना हेलो क्यु खोवे,
सुन मारी सूरता अजब कामनी,
भजन बिना हेलो क्यु खोवे ए हा।।
घर रा देवलिया मे बाग बगीचा,
पचे पर घर फुलडा क्यु जोवे,
घर रा देवलिया मे बाग बगीचा,
पचे पर घर फुलडा क्यु जोवे,
सुन मारी सूरता अजब कामनी,
भजन बिना हेलो क्यु खोवे,
सुन मारी सूरता अजब कामनी,
भजन बिना हेलो क्यु खोवे ए हा।।
केवे कबीर सा सुनो रे भई संतो,
अरे हिरला मे मोती संत पोवे,
कहसे कबीर सुनो भई संतों,
हिरदा मे मोती संत पोवे,
सुन मारी सुरता अजब कामनी,
भजन बिना हेलो क्यु खोवे,
सुन मारी सूरता अजब कामनी,
भजन बिना हेलो क्यु खोवे ए हा।।
घर रा देवलिया में घोर अंधेरो,
अरे घर रा देवलिया मे घोर अंधेरो,
पचे परघर दिवला क्यु जोवे,
सुन मारी सूरता अजब कामनी,
भजन बिना हेलो क्यु खोवे,
सुन मारी सूरता अजब कामनी,
भजन बिना हेलो क्यु खोवे ए हा।।
गायक – मोईनुद्दीन जी मनचला।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818