सुण म्हारी लाडली ऐ,
कर बाई जांबेजी ने याद।।
याद किया जिन जांबेजी ने,
वारा सरिया काज,
भीड पडिया ने और नही है,
राखण वालो लाज,
सुण मारी लाडली ऐ,
कर बाई जांबेजी ने याद।।
खल रो कियो नारेल गुरूजी,
सोनो कियो कथिर,
सेंशे रो अभिमान मिटायो,
बणियो आप फकिर,
सुण मारी लाडली ऐ,
कर बाई जांबेजी ने याद।।
मरी गाय ने करी जिवति,
दिल्ली पहुंचे जाम,
माडा काम करणदे नाहि,
जगमे आशा काम,
कै बजरंगी जग में साचो,
विष्णु रो नाम,
सुण मारी लाडली ऐ,
कर बाई जांबेजी ने याद।।
सुण म्हारी लाडली ऐ,
कर बाई जांबेजी ने याद।।
स्वर – संत राजू जी महाराज।
प्रेषक – खंगार गोदारा फींच।
9928491472