सुनले चौथ मात बरवाड़ा की भजन लिरिक्स

सुनले चौथ मात बरवाड़ा की,
नैया पार लगा दे,
मारा अटकया गाड़ा की।।



राज सवाई जयपुर माई,

माधोपुर सो नाम,
ज्याके बीच में बनयो गावड़ों,
बरवाडो चे धाम,
रेल जावे जग भाड़ा की,
नैया पार लगा दे,
मारा अटकया गाड़ा की,
सुणले चौथ मात बरवाड़ा की।।



जय जगदम्बे मात भवानी,

जय माता कंकाली,
ऊंचे पर्वत बैठी करती,
भगता की रखवाली,
करती दुसमन हलका जाड़ा की,
नैया पार लगा दे,
मारा अटकया गाड़ा की,
सुणले चौथ मात बरवाड़ा की।।



कर शारदा रूप भवानी,

सदा कंठ में रिज्यो,
जब भी सुमिरन करू आपने,
सबका मन हर लिज्यो,
आग्ल खोल दे गज रखवाडा की,
नैया पार लगा दे,
मारा अटकया गाड़ा की,
सुणले चौथ मात बरवाड़ा की।।



रिंकू मीणा करनाहेडा को,

ताकि महिमा गावे ओ,
दे आशीष भवानी माने,
अब क्यों तरसावे,
विनती सुनले तू अभागा की,
नैया पार लगा दे,
मारा अटकया गाड़ा की,
सुणले चौथ मात बरवाड़ा की।।



सुनले चौथ मात बरवाड़ा की,

नैया पार लगा दे,
मारा अटकया गाड़ा की।।

प्रेषक – महावीर मीणा
9983873700


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

2 COMMENTS

  1. बहुत अच्छा लगा आपका कलेक्शन
    भजन के साथ कथा का भी संग्रह भी डाले

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