सुबहो की किरणों में,
दिन भर की धूपों में,
शाम में तू ही माई रे,
रातों की नींदों में,
आँखों में पलकों में,
सपनों में तू ही माई रे,
माई रे, माई रे,
माई रे, माई रे।।
होंठों की पहली मुस्कान तू है,
मेरी सबसे पहली पहचान तू हैं,
तू ही मेरी पहली आवाज है माँ,
तू ही पहला सुर है तू ही साज है माँ,
तू ही सबसे पहली नजर का नजारा,
तू ही पहली ठोकर तू ही सहारा,
तू ही दूध रोटी का पहला निवाला,
तू ही पहला मंदिर तू ही पाठशाला।।
मंदिर की घंटियों में,
नदियाँ की धारा में,
पनघट में तू ही माई रे,
बागो के झूलों में,
छोटी छोटी भूलों में,
चोटों तू ही माई रे,
माई रे, माई रे,
माई रे, माई रे।।
सुना तेरा बेटा बड़ा हो गया है,
पैरो पे अपने खड़ा हो गया है,
नई एक दुनिया में वो रह रहा है,
बहुत खुश हूँ मैं तो यही कह रहा है,
मगर उसके चेहरे पर क्यों एक शिकन है,
तन तो यही है कहाँ उसका मन है,
सभी उलझनों का तू ही एक हल है,
तेरा साथ है तो जीवन सफल है।।
मन की मुरादों में,
सच्चे झूठे वादों में,
मन्नत में तू ही माई रे,
तू ही पूजा आरत में,
तू ही इबादत में,
बरकत में तू ही माई रे,
माई रे, माई रे,
माई रे, माई रे।।
Singer / Lyrics – Dr. Rajeev Jain