श्यामा आन बसों व्रंदावन में मेरी उमर बीत गई गोकुल में लिरिक्स

श्यामा आन बसों व्रंदावन में,
मेरी उमर बीत गई गोकुल में।।



श्यामा रसते में बाग लगा जाना,

फुल बीनूंगी तेरी माला के लिये,
तेरी बाट नीहारु कुँजन में,
मेरी उमर बीत गई गोकुल में।।



श्यामा रसते में कुआँ खुदवा जाना,

मै तो नीर भरुँगि तेरे लिये,
मै तुझे नहलाउँगि मलमल के,
मेरी उमर बीत गई गोकुल में।।



श्यामा मुरली मधुर सुना जाना,

मोहे आके दरश दिखा जाना,
तेरी सुरत बसी है अखीयन में,
मेरी उमर बीत गई गोकुल में।।



श्यामा व्रँदावन में आ जाना,

आ करके रास रचा जाना,
सुनी गोकुल की गलियों में,
मेरी उमर बीत गई गोकुल में।।



श्यामा माखन चुराने आ जाना,

आकर के दही बिखरा जाना,
बस आप रहो मेरे मन में,
मेरी उमर बीत गई गोकुल में।।



श्यामा आन बसों व्रंदावन में,

मेरी उमर बीत गई गोकुल में।।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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