श्याम तुम्हारे नाम का जग में,
गूंज रहा जयकारा है,
तेरे जैसा देव ना दूजा,
बोल रहा जग सारा है,
श्याम तुम्हारें नाम का जग में।।
तर्ज – फूल तुम्हे भेजा है।
तेरी महिमा जग में भारी,
सारा ग्रन्थ बतावे है,
तेरो नाम बड़ो हितकारी,
सारी दुनिया गावे है,
पार लगाई उसकी नैया,
जिसने नाम पुकारा है,
श्याम तुम्हारें नाम का जग में,
गूंज रहा जयकारा है,
श्याम तुम्हारें नाम का जग में।।
रणभूमि में दान शीश को,
देकर कहलाए दानी,
दाता ऐसा इस जहाँ में,
ना कोई तेरे सानी,
जो भी शरण में आया तेरी,
उसको पार लगाया है,
श्याम तुम्हारें नाम का जग में,
गूंज रहा जयकारा है,
श्याम तुम्हारें नाम का जग में।।
खाटू वाला देव निराला,
भक्तो का रखवाला है,
पांडव कुल अवतार कहाए,
ऋषि मुनि जपते माला है,
जब भी जिसने लिया सहारा,
भव से पार उतारा है,
श्याम तुम्हारें नाम का जग में,
गूंज रहा जयकारा है,
श्याम तुम्हारें नाम का जग में।।
दास ‘सुरेश’ लगावे अरजी,
पार करो हे बनवारी,
श्याम मंडल तेरा यश गाता,
सुध ले लो गिरधारी,
तेरा ही विश्वाश दास को,
तेरा श्याम सहारा है,
श्याम तुम्हारें नाम का जग में,
गूंज रहा जयकारा है,
श्याम तुम्हारें नाम का जग में।।
श्याम तुम्हारे नाम का जग में,
गूंज रहा जयकारा है,
तेरे जैसा देव ना दूजा,
बोल रहा जग सारा है,
श्याम तुम्हारें नाम का जग में।।
स्वर – रवि बेरीवाल जी।
प्रेषक – राहुल सोनी (फतेहाबाद)