श्याम तुम्हारे हम भक्तों पर,
इतने है उपकार,
कर्ज तेरा कैसे चुकेगा,
कर्ज तेरा कैसे चूकेगा।।
उंगली पकड़ कर चलना सिखाया,
रोते थे जब हम हसना सिखाया,
अटकी थी तब नाव भंवर में,
तुमने लगाई पार,
कर्ज तेरा कैसे चुकेगा,
कर्ज तेरा कैसे चूकेगा।।
हर सांस मेरी कर्जदार तेरी,
मेरी जिंदगी भी तलबगार तेरी,
रह रह करके मेरे मन में,
आए ये ही विचार,
कर्ज तेरा कैसे चुकेगा,
कर्ज तेरा कैसे चूकेगा।।
बहे आंसू चरणों में इतना ही मांगे,
सिर भी हमारा झुके तेरे आगे,
अंत समय तक मिलता रहे,
हमें श्याम तुम्हारा प्यार,
कर्ज तेरा कैसे चुकेगा,
कर्ज तेरा कैसे चूकेगा।।
श्याम तुम्हारे हम भक्तों पर,
इतने है उपकार,
कर्ज तेरा कैसे चुकेगा,
कर्ज तेरा कैसे चूकेगा।।
Singer – Vijay Gangwani