श्याम तेरी चौखट पे सुनाई ना होती,
कहाँ श्याम जाते कहाँ श्याम जाते।।
तर्ज – हमें और जीने की।
रास्ते की पत्थर को तुमने तराशा,
वरना बनाती ये दुनिया तमाशा,
अगर तुमने मंज़िल दिखाई ना होती,
कहाँ श्याम जाते कहाँ श्याम जाते।।
वक़्त ने कैसे कैसे दिन थे दिखाए,
कैसे बयान करूँ कुछ समझ में ना आये,
हाथों की लकीरें तुमने सजाई ना होती,
कहाँ श्याम जाते कहाँ श्याम जाते।।
आज बाबा जो भी शोहरत है मेरी,
तेरी कृपा से वो इज़्ज़त है मेरी,
पहचान तूने बनाई ना होती,
कहाँ श्याम जाते कहाँ श्याम जाते।।
जब तक है सांसें मैं तेरा रहूँगा,
सुख हो या दुःख हो तेरे संग सहूंगा,
सुरीले की किस्मत बनाई ना होती,
कहाँ श्याम जाते कहाँ श्याम जाते।।
जग के अंधेरों से बहार निकला
कदम लड़खड़ाए तू तुम्ही ने संभाला
निशा में ये रौशनी दिखाई ना होती
कहाँ श्याम जाते कहाँ श्याम जाते।।
श्याम तेरी चौखट पे सुनाई ना होती,
कहाँ श्याम जाते कहाँ श्याम जाते।।
Singer – Nisha Dwivedi